धर्मपाल महेंद्र जैन
व्यंग्यकार, कवि
प्रकाशन :
उपन्यास- इमिग्रेंट
व्यंग्य संकलन- "साहित्य की गुमटी",“गणतंत्र के तोते", "चयनित व्यंग्य रचनाएँ", "डॉलर का नोट”, “भीड़ और भेड़िए”, "इमोजी की मौज में", “दिमाग वालो सावधान” एवं “सर क्यों दाँत फाड़ रहा है”
कविता संकलन- "अधलिखे पन्ने", “कुछ सम कुछ विषम”,“इस समय तक” (कविता संकलन) प्रकाशित।
अंग्रेजी में- Friday Evening : Verses of Vivid moods तीस से अधिक साझा संकलनों में सहभागिता।
आलोचनात्मक- 1. धारदार धर्मपाल,
संपादक - आर पी तोमर
2. धर्मपाल महेंद्र जैन की रचनाधर्मिता
संपादक- डॉ. दीपक पांडेय व डॉ. नूतन पांडेय